ISBN: 978-8196731984
Pages: 171
Total Authors: 10
Genre: Poetry
Mrp: 229/-
लेखिका कौमुदी (उम्र-२४ वर्ष) का जन्म प्रयागराज के एक गाँव सोरांव, मेजारोड में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा ग्लोरियस पेटल्स स्कूल- गोरखपुर से शुरू हुई। इन्होंने महात्मा ज्योतिबाफूले राजकीय पॉलीटेक्निक- कौशाम्बी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (इंडेन बॉटलिंग प्लांट- मथुरा) में बतौर ट्रेनी काम भी किया। लेखिका ने 12-13 वर्ष की उम्र में अपनी पहली रचना “दुनिया इतनी अजीब” लिखी। लेखिका का बालमन दुनिया के आडम्बरों से बेहद दुःखी हो जाता था और उसी आहत मन से शुरू हुआ इनका लेखन-सफ़र। ये मुक्तक शैली में कविताएँ रचती हैं। ये कहानी, कविता, संस्मरण, पत्र-लेखन इत्यादि लिखती हैं। लेखिका अभी सीखने के क्रम में हैं। ये प्रतिलिपि, योरकोट, इंस्टाग्राम इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखती हैं।
मेरा नाम अनामिका शर्मा है । मैं जयपुर, राजस्थान से हूँ । मुझे साहित्य में रूचि है । मैं ज़िन्दगी को शब्दों के रंग में भीगो लिया करती हूँ । मुझे ज़िन्दगी की धूप -छाँव ने ही लिखना सिखाया है । मेरे द्वारा लिखी गई पहली पंक्तियाँ - मांडा पब्लिशर्स की इस रचनात्मक यात्रा में एक सहयात्री बन लेखक बनना, लेखन की यात्रा में मेरा पहला कदम है । आपकी यह रचनात्मक यात्रा यूँ ही लेखकों को प्रोत्साहित करती रहे, साहित्य यूँ ही अनवरत बढ़ता रहे।
नाम - डॉ त्रिपत मेहता पिता का नाम - श्री सुरेन्द्र सिंह मोंगा माता का नाम - श्रीमती जतिंदर कौर मोंगा पति का नाम - श्री विनीत मेहता जन्म स्थान - सिरसा (हरियाणा) जन्म तिथि - २१ जुलाई १९८२ रुचि - चित्रकारी शिक्षा - बी ए एम एस, सी पी के, पंचकर्म विशेषज्ञा लेखन विधा - कविता, ग़ज़ल, दोहे संप्रति - ऑनलाइन आयुर्वेदिक परामर्श, आयुर्वेदिक यूट्यूब चैनल - successayur सदस्य - उमंग अभिव्यक्ति मंच, पंचकूला, हरियाणा। बेगम इक़बाल बनो चंडीगढ़। संस्कार भारती चंडीगढ़ प्रकाशन- सांझा संकलन में रचनाएँ सम्मान- उमंग अभिव्यक्ति मंच, पंचकूला द्वारा सम्मानित। "समाचार क्यारी" समाचार पत्र पंचकूला द्वारा सम्मानित।
नाम - सुशील सोनी पिता - श्री ओमप्रकाश जी सोनी माता -स्व श्यामा देवी सोनी जन्मस्थान - सोड़ार, हुरड़ा , भीलवाडा राजस्थान जन्म तिथि - 9/11/1996 रुचि - अन्य रुचियां है,पेंटिंग,नृत्य,लिखना, शिक्षा - B.A,M.A,..... माध्यमिक शिक्षा - जवाहर नवोदय विद्यालय भीलवाड़ा कॉलेज -SD COLLAGE BEAWAR RAJASTHAN मेरी कविताओ का केंद्र प्रेम रहा है, अन्य भावो की जगह में प्रेम की कविताएं प्रस्तुत कर रहा हूं। जो मैंने अपनी मां से सीखा और किसी के लिए प्रेम महसूस किया, मैने अपने प्रेम काल मैं जो भी महसूस किया,मेरी कविताओं में बस कुछ झलकियां है,मेरी कविताएं प्रेम को समर्पित है।
मैं कनकलता सिंह पेशे से एक शिक्षिका हूं। बचपन से ही कहानियां और कविताएं पढ़ने का बहुत शौक रहा है और थोड़ा बहुत लिखने का भी। पर समय के साथ इस शौक पर धूल जमते गए पर पढ़ने का शौक खत्म नहीं हो सका। पढ़ने के शौक ने करीब पांच साल पहले प्रतिलिपि नामक ऐप से परिचित करवाया।इसी एप पर लिखने के शौक ने फिर से सांसें लेना शुरू कर दिया और मैं फिर से अपनी भावनाओं को शब्दों का रूप देने लगी। उस एप पर मैंने कुछ उपन्यास और कई सारी कविताएं लिखी हैं। मांडा पब्लिशर्स की इस रचनात्मक यात्रा में एक सहयात्री बन लेखक बनना, लेखन की यात्रा में मेरा पहला कदम है । आपकी यह रचनात्मक यात्रा यूँ ही लेखकों को प्रोत्साहित करती रहे, साहित्य यूँ ही अनवरत बढ़ता रहे।
मैं प्रीति कर्ण बिहार(पूर्णिया) की रहने वाली हूँ। मैंने भाषा(हिन्दी) से स्नातकोत्तर किया हुआ है। अपने पेशे से मैं एक गृहिणी होने के साथ-साथ सरकारी विद्यालय की शिक्षिका भी हूँ। अपने बचपन से ही मेरा शौक कहानी और कवितायें पढ़ना रहा है। फिर पढ़ते-पढ़ते ये लत लेखन के रूप में ढलती चली गयी, जिसे मैं अक्सर अपनी डायरी में लिखती आयी हूँ। अपने पेशे और परिवार के साथ मेरे पास समय का बेहद अभाव रहता है, पर अपने बचत किये गये समय में मैं कहानी और कवितायें दोनों लिखती हूँ। प्रतिलिपि एप पर मेरी कहानी, उपन्यास और कविताओं का संग्रह है, जिसे अबतक लाखों पाठकों ने पढ़ा है और मेरी कोशिश हमेशा यहीं होती है कि मैं आने वाले समय में अधिक से अधिक रचनायें लिखकर अपने पाठकों का दिल जीत सकूँ।
मैं योगेश्वरी जो अपने मन में आए भावों को कागज़ पर उतारती गई और वो कभी कविता तो कभी कहानी बनते गए और मेरे मन के भावों ने एक साधारण सी लड़की को एक लेखक बना दिया,,,। जिसे पढ़ने का शौक है और थोड़ा बहोत लिखने का भी प्रतिलिपी नामक एक एप ने इस शौक को और अधिक बढ़ा दिया वहां पढ़ते पढ़ते अपने मन में आए भावों को लिखने लगी जिसे कविता का रूप मिल गया,,,।
मैं शालिनी राठौर पेशे से एक शिक्षिका हूं। कहानी पढ़ने का शौक तो बचपन से रहा है पर कहानी लिखने के बारे में प्रतिलिपि से जुड़ने के बाद ही ख्याल आया था। शुरुआती तौर पर लिखी गयी कहानी को ही प्रतिलिपि पर इतनी प्रसिद्धी मिली कि फिर लिखना तो जैसे आदत में शुमार हो गया। अभी जब तक अपने व्यस्त दिन का कुछ हिस्सा लिखने को नहीं देते हैं तो लगता है जैसे कुछ अधूरा रह गया है। प्रतिलिपि एप पर अब तक कुछ एक कविताओं के साथ-साथ दो चार उपन्यास भी लिख चुके हैं।
लेखिका कविता पंथी ने अपनी उच्च शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। इन्होंने बीएससी, पीजीडीसीए बरकतुल्ला विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण किया और वर्तमान में वे प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। कविता पंथी को बचपन से हिंदी साहित्य में रुचि है और इन्होंने स्कूल में कई निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पिछले एक वर्ष से ये प्रतिलिपि, पॉकेटनोवल जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कार्य कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद शहर में जन्मे शुभम जैन "शुभ" आज काव्य जगत के एक सुप्रसिद्ध कवि हैं, शुभम जैन ने बी. बी. ए. व एम. बी. ए. प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है और फिलहाल बैंक मैं भी कार्यरत है । श्रृंगार रस में डूबी हुई इनकी रचना सुनने वालों के कानों में चूड़ियों की खनक के जैसी ही खनकती हैं । प्रेम प्रस्ताव, तुम ही तुम हो, ये रात जकड़ लूं, वो पहली मुलाकात जैसी रचनाओं से आज युवाओं के हृदय में अपनी अमिट छाप बना चुके हैं । पिता, जय भारत, सैनिकों की गौरव गाथा, अंतर्मन की कथा जैसी रचना इनके काव्य कौशल का परम साक्ष्य है ।