Parmatma Tumhare Saath Hain, Pehchano
ISBN: 978-8197242465
Pages: 79
Author: Laxmi Sen ‘Jugni’
Genre: Religious
Mrp: 199/-
Book Available on
About the Author
मेरा नाम लक्ष्मी सेन हैं, मेरी पूरी शिक्षा मेरे गृह जिले बूंदी राजस्थान से ही हुई। मेने बीए बीएड – यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा से तथा एम ए अंग्रेजी साहित्य वर्धमान ओपन यूनिवर्सिटी कोटा से की हैं। मेरी शिक्षा में मेरा मुख्य विषय हमेशा ही अंग्रेजी साहित्य रहा हैं, परंतु मेरा माध्यम हिन्दी हैं। यह मेरी प्रथम पुस्तक है जो मेने 23 वर्ष की उम्र में लिखी हैं। बचपन से ही मुझे चित्रकला का और लिखने का बहुत शौक था मेने चित्र तो अनेकों बनाए पर कभी लेखन कार्य को गति नही दे पाई। मैं हमेशा से चाहती थी कि मैं बड़ी होकर एक लेखिका के रूप में अपनी पहचान बनाऊं । अपने विचारों को दुनिया के सामने प्रकट करूं और इसका सर्वश्रेष्ठ माध्यम मुझे पुस्तक लिखना लगा। मैं हमेशा अपने विचारों को खाली पन्नों में लिख कर रखती थी परंतु मार्गदर्शन के अभाव होने के कारण में उन्हें पुस्तक का रूप ना दे पाई और अब मार्गदर्शन मिलने पर उन्हें पुस्तक का रूप दे रही हूं मैं मेरी प्रथम पुस्तक आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं भविष्य में ओर भी श्रेष्ठ पुस्तक आप सभी के लिए लाने को प्रयासरत रहूंगी। आशा करती हूं कि आपको यह पुस्तक पसंद आएगी।