Kumbh Maane Kya?
Adarsh Singh
कुम्भ मेले की पवित्र धारा में सनातन परंपरा की गहराई और सांस्कृतिक समृद्धि का अद्वितीय अनुभव समाहित है। यह पुस्तक इस ऐतिहासिक आयोजन का एक संक्षिप्त, सारगर्भित परिचय प्रदान करती है, जो युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों और पौराणिक धरोहरों से जोड़ने का प्रयास है। इसमें न केवल कुम्भ मेले के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया गया है, बल्कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक समय में इसके प्रासंगिकता पर भी चर्चा की गई है। यह कृति पाठकों को स्वयं अपनी जिज्ञासाओं का समाधान खोजने और सनातन मूल्यों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती है।

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लेखक परिचय

आदर्श सिंह
लेखक का जन्म 06/08/1990 को छपरा (बिहार) में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के उपरांत उन्होंने राजेंद्र कॉलेज, छपरा से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। राष्ट्र सेवा की भावना के कारण उन्होंने नैशनल कैडेट कोर (एनसीसी) में दाखिला लिया। वर्ष 2012 में केंद्रीय सुरक्षा बल में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। राष्ट्र सेवा के साथ-साथ साहित्य का अध्ययन भी जारी रहा। यूट्यूब जैसे सर्वसुलभ मंचों के माध्यम से लेखक अपनी विभिन्न रचनाएँ प्रकाशित करते रहते हैं। लेखन के साथ-साथ उन्होंने शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण कार्य किया है। लेखक हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में कर्तव्य-निर्वहन हेतु पूर्णकालिक रूप से उपस्थित रहे और इसकी भव्यता व सारगर्भिता को स्वयं अनुभव किया।
लेखक की अन्य रचनाएँ "मांडा पब्लिशर्स" द्वारा प्रकाशित साझा संकलनों ‘रूह के आईने भाग-2’ तथा ‘गुनगुनाते शब्द भाग-2’ में पढ़ी जा सकती हैं।