हर्षित उप्रेती
मैं एक साधारण व्यक्ति हूं, जो अपनी भावनाओं को शब्दों के जरिए व्यक्त करने की कोशिश करता है। “रात का सूरज” मेरी पहली व्यक्तिगत किताब है, लेकिन इससे पहले मैंने The Untold Truth और अनकहे अल्फ़ाज़ ख़ामोश जसबात जैसी एंथोलॉजी में भी अपनी रचनाएं साझा की हैं। लिखने से ज्यादा मुझे सुनना पसंद है। लोगों से उनकी कहानियां जानना, उनके नज़रिए को समझना… यही मेरे लिए असली प्रेरणा है। खासतौर पर वो लोग जो अभी मशहूर नहीं हैं, जैसे मैं खुद। मुझे लगता है कि हर इंसान के पास कहने को कुछ न कुछ खास होता है, बस कभी-कभी वो आवाज़ भीड़ में दब जाती है।उम्मीद है, मेरी बातें भी आपके दिल तक पहुंचेंगी। हो सकता है कि मेरे शब्द आपको कहीं न कहीं अपना सा लगे, जैसे किसी अनजाने दोस्त से बातचीत हो रही हो। क्योंकि आखिर में, हम सबकी कहानियां एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।