पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया, लाभ और सम्बंधित जरूरी बातें

अनुक्रमणिका:

  • पुस्तक क्यूँ प्रकाशित करनी चाहिए?
  • पुस्तक प्रकाशित करने की प्रक्रिया
  • प्रकाशित पुस्तक को कैसे बेचें
  • पुस्तक बिक्री से मिलने वाली रॉयल्टी
  • सही प्रकाशक कैसे चुनें
  • ISBN क्या है?
  • पुस्तक की मार्केटिंग कैसे करें
  • किस तरह का कंटेंट प्रकाशित करें ?

पुस्तक क्यूँ प्रकाशित करनी चाहिए?

आज के समय में रचनाकार बहुत से सोशल मीडिया प्लैट्फ़ॉर्म पर अपने विचार साझा करते हैं लेकिन उन्हें पढ़ने वालों की संख्या सीमित रहती है। पुस्तक प्रकाशन एक बेहद शक्तिशाली माध्यम है अपने विचारों को अनगिनत लोगों तक पहुँचाने का।

आपके द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तक आपके बाद भी हमेशा के लिए जीवित रहती है। लेखक अन्य लोगों के साथ जुड़ने के लिए लिखते हैं, लेखकों का दुनिया को देखने का नज़रिया अक्सर लोगों से अलग होता है । आप अपने पीछे जो विरासत छोड़ गए हैं, वह आपके बहुत बाद के जीवन को बदल देगी।

आज के समय में पुस्तक प्रकाशन कमाई का एक अच्छा जरिया भी बन चुका है। अगर आपके विचार अच्छे हैं जो पाठकों को भाते हैं तो आपकी पुस्तक अवश्य ही एक लाभदायक रहेगी। जेम्स पैटर्सन जिन्होंने लगभग 200  किताबें प्रकाशित की हैं, दुनिया के सबसे अमीर लेखकों में से एक हैं जिनकी सालाना आय 90 मिल्यन है।

पुस्तक प्रकाशित करने की प्रक्रिया

पुस्तक प्रकाशित करने के लिए आपको केवल अपना प्रकाशन के लिए तैयार कंटेंट प्रकाशक के साथ साझा करना होता है, शेष काम जैसे कि कंटेंट की टाइप्सेटिंग, एडिटिंग, कवर डिज़ाइनिंग, ISBN पंजीकरण, पुस्तक की प्रिंटिंग, पुस्तक की बिक्री ऐमज़ान, फ्लिपकार्ट जैसे पटल पर प्रकाशक द्वारा की जाती है।

हालाँकि आप हमेशा आपकी पुस्तक पर हो रहे काम को लेकर अपने सुझाव प्रकाशक को दे सकते हैं। आपकी पसंद और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रकाशक आपकी पुस्तक पर काम करेगा।

प्रकाशित पुस्तक को कैसे बेचें

सेल्फ़ पब्लिशिंग में आप पुस्तक की बिक्री करने जैसे जटिल कार्यों से मुक्त रहते हैं। यह कार्य आपकी ओर से प्रकाशक द्वारा किया जाता है। प्रकाशक विभिन्न ऑनलाइन और ऑफ़्लाइन पटल पर आपकी पुस्तक को पाठकों के लिए उपलब्ध करवाता है।

प्रकाशक द्वारा आपको पुस्तक की बिक्री से होने वाला लाभ दिया जाता है जिसका प्रतिशत पहले से ही तय किया जाना चाहिए।

पुस्तक बिक्री से मिलने वाली रॉयल्टी

ट्रेडिशनल पब्लिशिंग में लेखकों को केवल 10%-15% ही रॉयल्टी दी जाती है जबकि सेल्फ़ पब्लिशिंग में कायी प्रकाशकों द्वारा लेखकों को 100% तक रॉयल्टी दी जाती है। हालाँकि सभी प्रकाशक एक जैसी दर 100% प्रतिशत रॉयल्टी नहीं देते हैं, कुछ 70% तो कुछ 50% प्रतिशत तक भी देते हैं।

मांड़ा पब्लिशर्स अपने लेखकों को 100% रॉयल्टी देता है। 

सही प्रकाशक कैसे चुने

अपनी पुस्तक प्रकाशन के लिए एक सही प्रकाशक चुनना बेहद जरूरी कार्य है। प्रकाशक की भूमिका आपकी पुस्तक के लिए बेहद अहम है। 

प्रकाशक चुनते समय ध्यान रखें की प्रकाशक आपको ये सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा हो:

  • ISBN रेजिस्ट्रेशन
  • कंटेंट पर आपका अधिकार
  • पुस्तक की डिज़ाइनिंग सुविधाएँ
  • पुस्तक की बिक्री 
  • उचित रॉयल्टी
  • मार्केटिंग सुविधाएँ

यह सुविधाएँ एक पुस्तक को सफलतापूर्वक प्रकाशित करने के लिए जरूरी हैं ।

ISBN क्या है?

ISBN आपकी पुस्तक की पहचान संख्या है। यह आपकी पुस्तक को भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। इसका पंजीकरण आप स्वयं कर सकते हैं या आपके चुने प्रकाशक द्वारा भी यह किया जाता है। 

किस तरह का कंटेंट प्रकाशित करें

आप किसी भी प्रकार की पुस्तक प्रकाशित कर सकते हैं जैसे कि - कविताएँ, शायरियाँ, लघु कथाएँ, कहानी, लेख, गाने, शिक्षात्मक, शोध आदि।

इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आपके द्वारा लिखा और प्रकाशित किया गया कार्य अद्वितीय हो और वह पाठक को पसंद आए। पुस्तक प्रकाशित करने से पूर्व आप अपने कार्य को जाँच लें की उसमें क्या कमियाँ हैं, किन सुधारों की आवश्यकता है। आप या तो अपने कार्य को पाठक के रूप में पढ़कर देखें या अपने आसपास के लोगों से अपने कार्य पर उनकी प्रतिक्रिया लें। 

आप केवल अपने द्वारा लिखा गया कार्य ही प्रकाशित करें। आप किसी अन्य रचनाकार के कार्यों से प्रेरणा जरूर ले सकते हैं लेकिन उसक हू ब हू इस्तमाल न करें, यह कॉपीरायट कानूनों का उलंघन करना होगा।

पुस्तक प्रकाशन से जुड़े आपके सवालों और इस प्रक्रिया को बेहतर समझने के लिए मांड़ा पब्लिशर्स आपकी सहायता करेगा। हमसे सम्पर्क करें.....