उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में जन्मीं प्रियंका रॉय आज उभरती हुई प्रतिभाशाली लेखक और मार्गदर्शक में से एक है, यह एक शिक्षक, प्रवक्ता भी रह चुकी है।
वर्तमान में ये उत्तराखंड के हरिद्वार में आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर के पदपर कार्यरत है, और साथ ही साथ एक उद्यमी महिला के रूप में डिजिटल मंच पर डिजिटल मार्केटिंग अथवा डिजिटल स्किल में भी अपने पैर जमा रही।
गणित से स्नातक कर विद्यालय में टॉपर रहने वाली प्रियंका रॉय साहित्य में बहुत कम आयु से ही रुचि रखती है और अब ये हिन्दी साहित्य से परास्नातक कर रही है, सीखने की उच्चतम प्रवत्ति रखने के साथ ये समाज की कुरीतियाँ, सामाजिक मुद्दे अथवा सेल्फ डेवलपमेंट जैसे विषयों पर बख़ूबी लिखती हैं।
साहित्यिक उपलब्धियाँ:- इनकी कविताएँ, निबंध, आलेख कई पत्रिकाओं जैसे मंदाकिनी पत्रिका, काव्य प्रहर, शब्द सत्ता, व समाचार पत्रों जैसे अमर उजाला, कोल फील्ड मिरर, साहित्य दर्पण इत्यादि में प्रकाशित होती रहती हैं।
अब तक ये कई पुस्तकों व साझा काव्य संकलन में संपादिका व सह लेखिका के रूप में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं।
लेखन व साहित्य क्षेत्र में उत्तम रचनाओं के लिए कई प्रसस्तियों व सम्मान
पत्रों से सम्मानित हैं।
जीवन के उहापोह में भी एक आत्मीय भाव और मानवीयता को बरकरार रखते हुए अपनी बुद्धि से हर समस्याओं से लड़ने व मुस्कुराने की कला से युक्त प्रियंका रॉय का मानना है कि- “आत्मीयता मनुष्य का श्रेष्ठतम गुण है, इसे किन्ही भी परिस्थिति में क्षीण नहीं होने देना चाहिए। चाहे कितनी भी भौतिकता का बल हमारे चेतना को विस्थापित करने की कोशिश करे। परंतु आत्मीयता मनुष्य का जड़त्व है। जिसका संरक्षण ही उनका सर्वश्रेष्ठ धर्म होना चाहिए।”