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The Last Signature of Mozart

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Antas Ki Anubhootiyan

Antas Ki Anubhootiyan

Author: Neeraj Pandey

Book Cost

Original price was: ₹229.Current price is: ₹209.

Short Description

“अंतस् की अनुभूतियाँ” संवेदनशील मन की कोमल तरंगों और जीवन के विविध अनुभवों का काव्यमय प्रतिबिंब है। यह संग्रह प्रेम, विरह, आत्म-चिंतन, जीवन-दर्शन और मानवीय भावनाओं के सूक्ष्मतम अहसासों को पंक्तियों में पिरोता है।

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Page Count

88

Book Type

Paperback

ISBN

978-93-6402-023-7

Mrp

229

Genre

Poetry

Language

Hindi

About the Book

“अंतस् की अनुभूतियाँ” संवेदनशील मन की कोमल तरंगों और जीवन के विविध अनुभवों का काव्यमय प्रतिबिंब है। यह संग्रह प्रेम, विरह, आत्म-चिंतन, जीवन-दर्शन और मानवीय भावनाओं के सूक्ष्मतम अहसासों को पंक्तियों में पिरोता है। नीरज पाण्डेय ‘राज’ ने अपने अंतर्मन की गहराइयों से उपजे भावों को सरल लेकिन प्रभावशाली शब्दों में अभिव्यक्त किया है, जो पाठकों के हृदय में भावनात्मक स्पंदन उत्पन्न करते हैं और जीवन की विविध अनुभूतियों का आईना प्रस्तुत करते हैं। यह पुस्तक पाठक को खुद से संवाद करने, अपने भीतर झांकने और संवेदना की शांत लेकिन गहरी धारा से सराबोर होने का आमंत्रण देती है।

About the Author

नीरज पाण्डेय ‘राज’ का जन्म 29 जनवरी 1988 को बिहार राज्य के समस्तीपुर ज़िले के डढीया असाधार नामक गाँव में एक किसान परिवार में हुआ। जाति से भूमिहार ब्राह्मण, इनके दादा जी एक कर्मनिष्ठ अमीन रहे। पिताश्री श्री उमेश पाण्डेय की नौकरी अहमदाबाद (गुजरात) में लगने के उपरांत परिवार वहीं स्थायी रूप से बस गया। परिवार में दो बड़ी बहनें और एक छोटा भाई हैं। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग स्नातक तक की पढ़ाई अहमदाबाद में ही सम्पन्न हुई। यद्यपि पेशे से वे एक इंजीनियर हैं, पर हृदय से सदैव साहित्य के प्रति समर्पित रहे हैं। हिंदी कविताओं के प्रति उनकी रुचि बचपन से ही रही है। विद्यालय जीवन में सुभद्रा कुमारी चौहान की “झाँसी की रानी” और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की “रश्मिरथी” जैसी रचनाएँ उन्हें प्रेरित करती रहीं। कविताएँ पढ़ने का यह शौक धीरे-धीरे लेखन की प्रेरणा में बदल गया और वर्ष 2024 से उन्होंने साहित्य सृजन की यात्रा आरंभ की। अब तक उनकी तीन साझा संकलन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, साथ ही उनकी पहली एकल काव्य पुस्तक “रंग ज़िंदगी के” पाठकों द्वारा सराही जा चुकी है। वर्तमान में प्रस्तुत यह पुस्तक “अंतस की अनुभूतियाँ” उनकी दूसरी एकल कृति है, जिसमें जीवन, भावनाओं और संवेदनाओं के सूक्ष्मतम स्पंदनों को हृदय की गहराई से अभिव्यक्त किया गया है। व्यक्तिगत जीवन में, नीरज ‘राज’ का विवाह 07 मार्च 2011 को श्रीमती स्नेहा पाण्डेय जी से हुआ। दो सुपुत्रियाँ यशिका (पीहू) (जन्म: 19 जुलाई 2013) और वेदिका (वेदु) (जन्म: 25 अक्टूबर 2021) उनके जीवन की सच्ची प्रेरणा हैं। नीरज पाण्डेय ‘राज’ का विश्वास है कि पाठकों को “अंतस की अनुभूतियाँ” में जीवन के वे सभी रंग मिलेंगे, जो हृदय के भीतर गहराई से महसूस तो होते हैं, पर अक्सर शब्दों में ढल नहीं पाते।

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