By – Geetanjali
‘अपराजिता स्तुति’ १०८ उल्लाला में छंदबद्ध लिखी गई माँ आदिशक्ति की स्तुति का हिंदी अनुवाद है जो गीतांजलि ‘विधायनी’ द्वारा लिखी गई है। गीतांजलि पिछले २५ साल से संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में रह रही हैं पर भारतीय परम्पराएँ और धर्म के प्रति आस्था उनकी जड़ों में सिंचित है।
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249
Poetry
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