मुझमें इतना सामर्थ्य नहीं है कि आप दोनों को कुछ भी दे सकूँ। भाव को अक्षर मिले, अक्षरों को शब्द, अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोने का साहस किया है । मैं आपको हमेशा के लिए अंकित करना चाहती थी और इस से बढ़िया कोई साधन नहीं था मेरे पास कि आप दोनों को हमेशा के लिए संजो कर रख पाती। आप दोनों को समर्पित एक छोटी सी भेंट … आपकी बेटी,