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End of Creation

End of Creation

Author: Sujeet Kumar

Book Cost

Original price was: ₹199.Current price is: ₹129.

Short Description

यह पुस्तक सच्चाई के बारे में हैं। एक तरह से यह पुस्तक इस संसार की सच्चाई बताएगी कि हम सभी क्या है क्यों हैं। और कैसे हैं शायद ये सभी बाते जानकर आपको अच्छा न लगे लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आप कुछ कर भी नहीं सकते हैं। केवल और सिर्फ केवल महसूस कर सकते हैं। यहा तक मैं भी आपसे यहि उम्मीद करता हूँ। उम्मीद है कि आप अपने जीवन से खुश हो लेकिन मुझे नहीं लगता खैर उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता ।

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Original price was: ₹199.Current price is: ₹129.

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Page Count

23

Book Type

Paperback

ISBN

9789364022742

Mrp

199

Genre

Sci-Fi Novel

Language

Hindi

About the Book

यह पुस्तक सच्चाई के बारे में हैं। एक तरह से यह पुस्तक इस संसार की सच्चाई बताएगी कि हम सभी क्या है क्यों हैं। और कैसे हैं शायद ये सभी बाते जानकर आपको अच्छा न लगे लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आप कुछ कर भी नहीं सकते हैं। केवल और सिर्फ केवल महसूस कर सकते हैं। यहा तक मैं भी आपसे यहि उम्मीद करता हूँ। उम्मीद है कि आप अपने जीवन से खुश हो लेकिन मुझे नहीं लगता खैर उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता । तो कुछ लोग इस किताब को अपने दिन भर के काम करने के बाद रात को पढ़ रहे हो या फिर दिन के किसी भी समय मैं चाहता हूँ की इस किताब को आगे पढ़ने से पहले आप जो है, आप जो मानते हैं उसे भूल जाए कुछ इस तरह से कि आप पहली बार इस संसार का अनुभव ले रहे हो या एक बच्चे की तरह जो कुछ नया सीखने या समझने के लिए तैयार बैठा हो। तभी आप मेरी बातों को समझ और महसूस कर पाऐंगे और इस नकली संसार से मुक्त होकर असल संसार की झलक देख पाए इससे सबसे बड़ा परिवर्तन यह होगा की आप जिसके लिए लड़ रहे थे, मान रहे थे, महसूस कर रहे थे वो सभी झूठ था। एक परछाई की तरह जो केवल एक वास्तविकता का नक्ल हैं। शायद मुझे यह किताब लिखनी नहीं चाहि चूंकि मेरा मानना है अत्‌याधिक ज्ञान जीवन जीने की लालसा को छीन लेती है और मुझे डर हैं की कही आप भी ये मानने न लग जाए। आप में से कई लोग यह सोच रहे हेंगे की इस पुस्तक का नाम “END of CREATION” क्यों हैं। आप इसका मतलब तो समझ पा रहे होंगे की जिसका निर्माण हुआ है उसका नष्ट होना एक आसान सा वाक्य लेकिन यह संसार का सबसे डरावना, दुख भरा, दर्द से भरा होने वाले कार्य की सच्चाई हैं।

About the Author

पुस्तक कई मामलो में मुझसे जुड़ी हुई हैं। खास तौर पर तब जब आप वास्तविकता को जानते हों। वर्ष 2020 से पहले मैं भी काल्पनिक संसार में ही रहता था। काल्पनिक कहने का मतलब की सुबह उठना काम पर जाना, दिन भर काम करना शाम को घर आना, छुट्टी में छुट्टियाँ मनाना बह‌कावे मे आना, प्रभावित होना, इत्यादि करीब दो वर्ष अकेले रहने के कारण मुझमे वास्तविकता को देखने की क्षमता विकसीत हुई जिसके फलस्वरूप मैं इस संसार का सच जान सका और यह क्षमता आने वाले समय में बढ़ती ही रहेगी यह क्षमता अपने साथ बेशुमार ज्ञान लाती हैं। मैं ये तो नहीं कहूँगा की यह अच्छी बात है। क्योंकि ये अपने साथ दुख भी लाती हैं दुख के कई स्तर होते हैं। अगर आप कम जानते हैं तो आपको कम दुख होगा और अगर आप ज्यादा जानते है तो इसकी कोई सीमा नहीं है। मैं ईश्वर को तो नहीं मानता लेकिन इतना जानता हूँ कि आज तक जो भी मेरे साथ हुआ और जो होने वाला है वो पहले से तय हैं। इसके साथ ही कई सवाल भी हैं। जैसे की “मैं क्यों नहीं” – सुजीत कुमार

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