Description
कहते हैं कि आंखे जो कह जाती हैं वह स्पर्श नहीं कह पाता, कई बार स्पर्श वो कह जाता है जो शब्दों से कह पाना असम्भव होता है, और शब्दों का जादू जो आंखों को भिगो कर हृदय को स्पर्श कर जाता है। शब्दों का जादू जगाने में रंजना जी की यह पुस्तक एक अनुपम कृति है जो कैंसर ग्रस्त स्त्री के संघर्ष और अनुभूतियों को मार्मिक रूप से चित्रित करती है। एक मर्मस्पर्शी विषय को उठाने में स्त्री की मनोदशा को अभिव्यक्त करने में लेखिका रंजना जी सफ़ल रही हैं बहुत बहुत शुभ कामनाएं I
लीना भट्ट, शिक्षिका
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