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Kuch maine kaha

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Author: Anil Kumar Tyagi | सामाजिक असंतुलन  और वर्तमान में गिरते सामाजिक और राजनैतिक मूल्यों में गिरावट से उद्वेलित मन जब कचोटता है तब कलम चलती है तब मैं कुछ कहता हूँ और वही “मैने कुछ कहा” पुस्तक में कविताओ और गजलों में कहा है और उन्ही का संकलन है यह पुस्तक “मैंने कुछ कहा “

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Description

सामाजिक असंतुलन  और वर्तमान में गिरते सामाजिक और राजनैतिक मूल्यों में गिरावट से उद्वेलित मन जब कचोटता है तब कलम चलती है तब मैं कुछ कहता हूँ और वही “मैने कुछ कहा” पुस्तक में कविताओ और गजलों में कहा है और उन्ही का संकलन है यह पुस्तक “मैंने कुछ कहा “

Product Details

ISBN: 978-93-95174-28-2
Size: 5×8
Format: Paperback
Pages: 100
Language: Hindi
Genre: Poetry
Mrp: 229/-

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