Description
About the Book
जीवन के हर पल को संजोती इस सन्दूकची में समाये कुछ लम्हे आपको अपने जीवन के लगेंगे तो कुछ अपने आसपास के। कविता के माध्यम से जीवन यात्रा बताती अनुपम रचनाएँ जिन्हें सात खण्डों में सजाया है। भानुमती के पिटारे सी सन्दूकची जैसे मन में उठे विचार वैसा ही मिलेगा खजाना। सरल और दिल से लिखी भाषा जो हर रंग से सराबोर है। तो चलिए तलाशते हैं अपनी पसन्द का रंग, क्या छिपा सन्दूकची में।
About the Author
शशि लाहोटी ने अपनी शिक्षा MA (Economics) सीकर (राजस्थान) से पूर्ण की है। उनकी रचनाएँ सन्मार्ग, प्रभात खबर, काव्य रंगोली आदि पत्र-पत्रिका और साझा संकलन में प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने 2019-22 तक स्थानीय लायंस क्लब की सचिव पद पर सेवा दी है। वर्तमान में वह अन्तर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच कोलकाता दक्षिण इकाई की उपाध्यक्ष और पश्चिमी बंगाल साहित्य संगम संस्थान की सांस्कृतिक सचिव हैं। अभी वह अपने पति और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहती हैं। उनका WordPress पर ब्लॉग है और वह Facebook पर अपना पेज़ “कविता दिल की” चलाती हैं।
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