surmi cover

Surmi

2 × Original price was: ₹299.Current price is: ₹229.
the flipped coin cover

The Flipped Coin

3 × Original price was: ₹349.Current price is: ₹229.
ab apne liye cover

Ab Apne Liye

1 × Original price was: ₹299.Current price is: ₹229.
Its not you its your brother cover

It's Not You, It's Your Brother

1 × Original price was: ₹249.Current price is: ₹199.
ab lautna hoga cover

Lautna Hoga

1 × Original price was: ₹249.Current price is: ₹179.
Shopping Basket1752

Manthan – 2nd Edition

Manthan – 2nd Edition

Author: Santosh Kumar Gupta

Book Cost

Original price was: ₹249.Current price is: ₹229.

Short Description

मंथन अनेक प्रकार की कविताओं का संग्रह है। इस पुस्तक में सामाजिक समरसता, लोगों की मानसिकता, वैचारिक मतभेद, राष्ट्रवाद, स्वार्थवाद, शिक्षा की समस्या, सामाजिक समस्या आदि को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया गया है।

Share this Book

WhatsApp
Facebook
Twitter

Original price was: ₹249.Current price is: ₹229.

Quality Products

7 Days Return Policy

Usually Ships in 2 Days

Apply Coupon at Checkout

Page Count

208

Book Type

Paperback

ISBN

978-93-6402-140-1

Mrp

249

Genre

Poetry

Language

Hindi

About the Book

मंथन अनेक प्रकार की कविताओं का संग्रह है। इस पुस्तक में सामाजिक समरसता, लोगों की मानसिकता, वैचारिक मतभेद, राष्ट्रवाद, स्वार्थवाद, शिक्षा की समस्या, सामाजिक समस्या आदि को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया गया है। लेखक ने अपने जीवन में आये उतार चढ़ावों और होने वाली ससामयिक घटनाओं पर गंभीर मंथन करते हुये सत्य को प्रस्तुत करने का प्रयास इस मंथन पुस्तक में किया है। लेखक ने बिना किसी दुर्भावना के लेखन किया है। लेखक की मंशा किसी के आत्मसम्मान को चोटिल करना नहीं, बल्कि वास्तविकता को उजागर करना है। इस पुस्तक से पाठकों को जीवन मूल्य प्राप्त करने का भरपूर अवसर मिलेगा।

About the Author

सन्तोष कुमार गुप्ता का जन्म उ० प्र० के सम्भल जिले के मणिकावली गाँव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री जयपाल गुप्ता और मां का नाम श्रीमती रामवती देवी था। हिन्दी से एम० ए० करने के बाद 1996 में बेसिक शिक्षा परिषद उ० प्र० के प्राइमरी स्कूल में अध्यापक हो गये। इस समय प्रा०वि०- सराय ब्राह्मण, जुनावई (सम्भल) में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। शिक्षण और लेखन इनका विशेष शौक है। ये 30 वर्षों से मुक्त भाव से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सुशिक्षित करने के लिये पूर्ण समर्पित है। वर्तमान में ये बबराला (सम्भल) में रहते हैं। ये इनके द्वारा लिखित मंथन का द्वितीय संस्करण है।

Recommended Books

Explore our bestselling catalog, featuring a wide array of novels, poetry, and more—each piece a journey through compelling stories and evocative words.

Shopping Basket