Description
मेरा यह ग़ज़ल संग्रह मेरी प्रिय बहन, बेहतरीन शाइरा और एक बहुत ही आला शख्सियत सुचिता वर्धन ‘सूचि’ जी को समर्पित है,जिनका प्रोत्साहन,स्नेह, और सहयोग सदा सदा से मुझे मिलता रहा है l माँ वाणी, एवं प्रभु श्रीकृष्ण के पश्चात सर्व प्रथम वंदनीय लेखनी का लेखन यात्रा में अभूतपूर्व योगदान रहा है, वंदनीय लेखनी, एवं समस्त लेखनी परिवार को सादर नमन,प्रेषित करता हूँ, लेखनी परिवार से जो स्नेह, मान मिला है उसे शब्दों में प्रकट कर पाना कदाचित मेरे लिए कठिन है, लेखनी परिवार का सदा ऋणी रहूँगा । प्रत्येक संकलन की भाँति नफ़्स को भी मूर्त रूप देकर आप सभी पाठक गण के हाथों तक पहुँचाने में,लेखनी परिजनों का उल्लेखनीय योगदान रहा है, सदा सहयोगी आo दीप्ति सिंह ‘दिया’ जी,मार्गदर्शक गण आo.रजनीश सोनी जी, आo. परमानन्द भट्ट जी,आo बहन सरोज गुप्ता जी, बहन रेखा खन्ना जी, आo संजय मिश्रा जी, सतत उत्साह वर्धक, एवं उल्लेखनीय सहयोगी आo रजनी जी, समप्रीति जी, हेमा काण्डपाल हिया जी, प्रशांत शर्मा जी,डॉo शैव्या मिश्रा शिवि जी,रिंकी नेगी जी,अंजलि चौपड़ा जी, सौम्या शर्मा जी, वर्तनी परिष्करण एवं पाण्डुलिपि एवं आवरण पृष्ठ निर्माण में उल्लेखनीय सहयोगी प्रिय, लवी द्विवेदी जी,कुलदीप खंडेलवाल जी, गुंजित जैन जी, तुषार पाठक जी, रानी श्री जी, सूर्यम मिश्रा जी, अंशुमान मिश्रा जी, एवं अन्य समस्त लेखनी जन का विनम्र आभार प्रदर्शन करना आवश्यक समझता हूँ । और आभारी हूँ मंदा प्रकाशन समूह, एवं आदरणीय नमन खंडेलवाल जी का जिनका त्वरित सहयोग सदा ही लेखनी परिवार और मुझे मिलता रहा है । ग़ज़ल मेरी प्रथम रूचि की लेखन विधा नहीं है,संकलन में त्रुटियाँ संभावित हैँ, किन्तु स्नेही स्वजन की इच्छा का आदर करते हुए कुछ ग़ज़ल संकलित कर एक साथ आप की
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