Compiler: Nidhi Sehgal | जिस प्रकार सपनों को पंख मिलें, तो वह ऊँची उड़ान भरते हैं, उसी प्रकार लेखन को यदि पंख मिलें तो वह अपनी गुंजार खुले और उन्मुक्त गगन में करता है । “पाखी उन्मुक्त गगन के” काव्य संग्रह इसी उद्देश्य पूर्ति हेतु रचित हुआ है ।
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Poetry
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