Description
मैं दीपशिखा त्रिपाठी एक मध्यम परिवार में पली -बढ़ी हूँ.मेरी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में ही सम्पन्न हुई है | बचपन से ही मुझे कविता, कहानी पढ़ने और सुनने का शौक रहा है | कविताएँ लिखने की प्रेरणा मुझे मेरे पापा से मिली क्योंकि पापा का कहना है कि कलम ही सबसे ताक़तवर चीज़ है | कलम की आवाज़ को झुठ्लाया नहीं जा सकता वो तो मूक की भी आवाज बन सकती है |
“एक ज़ज़ की कलम जब चलती है, गुनहगार को सज़ा जरूर मिलती है”
ज़िंदगी के कुछ खट्टे मीठे से अनुभव,
“जिंदगी की दिशा” बना देते हैं संभव |
आशा है आप सभी के अंतर्मन को जिंदगी की दिशा छूएगी
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